कोई चालीस में कहता मै थक गया हूँ
कोई अस्सी में कहे बूढा कहाँ हुआ हूँ
समय पैमाना नही क्यों पैमाइश करते
जवान बूढा है तो[..]
18 सितम्बर , 2023
कोई चालीस में कहता मै थक गया हूँ
कोई अस्सी में कहे बूढा कहाँ हुआ हूँ
समय पैमाना नही क्यों पैमाइश करते
जवान बूढा है तो[..]
18 सितम्बर , 2023
आवाज़ उठाई उसके जुल्मो के खिलाफ़।
वो आया मेरी गली शायद मुझे डराने को।
वो चार का ग्रुप आवाज़ में आक्रोश लिए।
देखना चाहता खौफ[..]
13 सितम्बर , 2023
सजी एक मीठी सी मुस्कान होंठों पर।
नशा हुआ हावी हम होश खोने लगे है।
बसकर ए साकी हम बहकने लगे है।
नही पांव जमीं पर[..]
3 अगस्त , 2023
खाना पानी दवाइयां सब अकाल हो रहा था।
जर्रा जर्रा थर्रा रहा दूर कोई पनाहगार न था।
चारो ओर बुझते चिराग बेबस यह आलम था।
अधिक पढ़ें… from हिन्दी लेख, निबंध
3 अगस्त , 2023
भुत भविष्यत वर्तमान में समाहित राम।
प्रलय अविनाशी हृदय में प्रकाशित राम।
कर्ता न भोक्ता द्रष्टा दृश्य दर्शक है राम।
आकाश घट घट में घट[..]
3 अगस्त , 2023
सारंग ले सारंग चले मन्द मन्द मुस्काय।
सारंग जब चल रही सारंग उड़ता जाय।
सारंग करे गुंजार पुष्प समीप जो जाय।
सारंग चूमे पुष्प को[..]
2 अगस्त , 2023
पिया मिलन की आस है मौसम हुआ हलकान।
घटाए छायी अम्बर में हो रही हल्की सी फुहार।
जल से तन भीगा मन में आग लगाता मल्हार।
अधिक पढ़ें… from हिन्दी लेख, निबंध
2 अगस्त , 2023
सिर पर कफन बांध निकल पड़े सभी।
मिटाने अपनी हस्ती कुरबान होने की।
हर कोई बेताब खड़े है कतार में सभी।
देश की माटी बोले[..]
31 जुलाई , 2023
राजा हिमाचल के घर खुशियां छाई।
मां पार्वती का वहां अवतरण हुआ।
जन्मपत्रिका नारद मुनि को दिखाई।
वह अपवित्र है अमंगल वेषधारी है।
तपस्या रत सदा[..]
14 जुलाई , 2023
जमीन की जीत को क्या जीत कहते।
दिलो को जीतो तो कहो जीत रहे हो।
जिस जिसने ऐसा अतिक्रमण किया।
देखा भी है क्या जो उनका[..]